Saturday, August 3, 2013

" आशाएं "


ये राह हैं, मुश्किल, इस पर चलना हैं कठिन,
तो क्या हुआ, मंजिल को तो पाना  ही हैं।
आज हैं घनेरी रात तो क्या हुआ,
कल फिर सवेरे को तो आना ही है।

राह में आएँगी मुश्किलें, बहुत सारी ऐ राही,
तू रुकना ना , तू डगमगाना ना, लड़ना निडर , जैसे लड़े सिपाही।
विपद हो कर, निपथ हो कर, तू मानना ना हार,
विश्वास रख कर खुद पर, करना बेझिझक वार।

आबाद होगा तू, कामयाब होगा तू ,
अनंत के सितारों का चन्द्रमा होगा तू।
पर दे कर तो देख अपने सपनो को,
पंछी की तरह आसमां छू रहा होगा तू।

सामने होंगे कई आंधी , कई तूफ़ा ,
पर जो इरादे हैं अटूट , तो होगा सब आसां।
अँधेरे जीवन को तो रौशन होना ही हैं,
आज हैं घनेरी रात तो क्या हुआ,
कल फिर इक नए सवेरे को तो आना ही हैं।

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