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| Happy Friendship's Day ! |
पुरानी सियाही में लिपटे वोह शब्द,फिर इस दिल में घर कर गये ।
उन पन्नो की सिलवटें कुछ बयां कर रही थी ,
हमारी शरारतो के किस्सों को सुना रही थी ।
सुना रही थी वो हमारी हसी की खिल्कठे ,
जो ले आती थी अपने संग खुशियाँ ।
सुना रही थी वो सहमी सिसकें,
जो दे जाती थी ग़म की हिचकियाँ ।
उन पन्नो को पलटते हुए एक ख्याल आया,
की ज़िन्दगी की इस दौड़ में पीछे रह गया वो अपना सा साया ।
नए रंग तो बहुत भरे इस जीवन में,
पर उन पुराने रंगों से भरा चित्र फिर ना पाया ।
उन पन्नो को पलटते हुए यूँ ही ये ख्याल आया ....

:) Marvelous!
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