Sunday, July 12, 2020

“The Wife!”


I urge a day of your life, 
When I don’t have to be the wife. 
Not because, I have any complaints,
But for a while, I want my own space ! 

When I won’t have to decide on the meals,
And I won’t have to be all day for the kids.
I agree to face your struggle, 
But atleast, I will skip the dull ! 
Not because, I don’t love you all, or am being rough, 
But lately, I haven’t been able to love myself enough. 

When I can just get up and leave, to see an old friend over coffee, 
I can be neatly dressed all day, and be all flossy. 
I agree, you have your own hassle,  
But, I would choose yours, over my scuffle. 
Not because, I believe you are at ease, 
But, this is what sometimes I please. 

When I can laze around and watch my favourite show, 
I can excuse myself for having a tiring day, feeling low. 
I agree, you perfectly do your part,
But mine, is a demanding art. 
Not that, I want to run from all this, 
But, everyday there’s a lot for myself,  I miss. 

I urge a day of your life, 
when I don’t have to be the wife. 
Not that your vows, I mock, 
But mine, never ends, its round the clock! 

Monday, November 13, 2017

* एक सितारा *

*Thanu mamaji, this is a  dedication to you.
The most angelic soul I ever saw! You are forever in our hearts. *




इस अम्बर में लाखों तारे,
जिनके बीच जा बसे तुम प्यारे,
लगा मुश्किल उनमें ढूंडना तुमको,
पर झट दिख गये चमकते तुम तो ।

चमक तो उन सब सितारों में थी,
पर बात तुम्हारी कुछ न्यारी थीं ।
चमक रहे थे सभी होड़ में ,
तुम चमक रहे थे अपनी धुन में।

मुश्किल नहीं था तेज़ चमकना तुम्हारा,
पर तुम बाटते गए सबको अपना उजाला ,
सब अपनी रोशनी पर इतराते थे,
और तुम मंद मंद मुसकाते थे।

चमक भले ही उन सितारों में बहुत हों,
पर हमारा चंद्रमा तो तुम हो !
जा बसे हो तुम उस दूर गगन में,
पर हमेशा रहोगे हमारे मन में ।

उस अम्बर से ही सही, पर हमारे साथ रहना,
और जहाँ भी रहो बस चमकते रहना ।
कहते है इस दुनिया का दस्तूर हैं आना-जाना,
तुम भी किसी दिन टूट कर हमारे बीच वापिस आना ।

वापिस आना । 




Friday, July 14, 2017

"थम जा, ऐ जीवन।"



जीवन तू ज़रा धीमें चल,
अब तुझपे यक़ीं होने लगा,
थम जा कुछ देर मेरे लिये,
अब मैं भी जीने लगा

आज़माया तो था ख़ूब तूने मुझे,
पर चित् हो कर भी मैं विजयी हुआ
हताश हुआ ख़ूब अंधेरी राहों में,
ढूँढ ख़ुद अपना चिराग़ मैं उदय हुआ


पीछे ख़ूब धकेला कुछ हाथो ने,
उन हाथो में मैं जकड़ गया
पर आज़माया जब ख़ुद के हाथो को मैंने,
तोड़ सारी ज़ंजीरें मैं उड़ गया  

ऊब गया था तुझसे मैं,
पर अब वो वक़्त भी निकल गया
दूर जाना चाहता था तुझसे
पर अब मैं भी संभल गया

जीवन तू ज़रा धीमें चल,
अब तुझपे यक़ीं हो गया ।
थम जा कुछ देर मेरे लिये,
अब मैं भी जी गया ।



Thursday, February 19, 2015

" ऐ जीवन ! "

ऐ जीवन, तू क्यों यूं इतराता है ? 
साथ तो आखिर तू भी छोड़ जाता है ।
भिन्न पृकार के मोह में डालकर,
क्यों फिर आखिर, हर माया छुड़वाता है ?

ऐ जीवन, तू क्यों यूं इतराता है ? 

लेकर आता है इस संसार में तू ही , 
तू ही इससे नाता तुड़वाता है ।
लाता तो है सब को रुलाकर, 
और जाते हुए चुप करा जाता है !

ऐ जीवन, तू क्यों यूं इतराता है ? 

है तो तू बहुत ही खूबसूरत , 
पर क्यो इतने जतन करवाता है ? 
अपने फूलो की इस बगिया  में , 
तू क्यो इतने कॉटे लगाता हैं ? 

ऐ जीवन, तू क्यों यूं इतराता है ? 

तू हैं तो हम सभी का चालक,
पर सबको अलग रस्ते ले जाता हैं। 
किसी के रस्ते खूब कड़ी धूप ,
तो किसी को छॉंव दिखलाता हैं। 

ऐ जीवन, तू क्यों यूं इतराता है ? 

हंसाता मी तू है , रुलाता भी तू हैं। 
क्या बुरा क्या भला, सिखलाता भी तू हैं। 
तरह तरह के रास रचाकर,
तू क्यों सबको इतना नचाता हैं ? 

ऐ जीवन, तू क्यों यूं इतराता है ? 

पर फिर ये एक खयाल आता है , 
कि तू ही तो अपनो से मिलाता हैं , 
उन चेहरों को देखकर, फिर समझ में आता हैं ! 
कि तू क्यों यूँ  इतराता हैं... 
तू क्यों यूँ  इतराता हैं ...

Tuesday, October 29, 2013

"विधान"


आँखें खोली थी इस संसार में जब, 
पता न था की किस घर आई हूँ ,
उस घर में पली बढ़ी, उस घर में जीना सीखा,
और फिर मालूम हुआ की, मैं तो परायी हूँ  !

जिनका हाथ थाम कर चलना सीखा,
मालूम हुआ,वो हाथ मुझे छोड़ना होगा .
जिनकी सीख से बोला सीखा ,
मालूम हुआ उन्हें ही मेरो आवाज़ सुनने को सोचना होगा .
जिनके साथ बाटें खिलौने और बाटा सारा बचपन,
उन्हें एक नज़र देखने को भी आस लगाये बैठेगा  अब ये मन !
उन पर अब तक इतना रौब जमाया ,
अब उन्हें डांटने को भी तरस जायेगा मेरा घमंड !

उन्होंने सोचा की उनके घर आई हैं एक नन्ही गुडिया,
जो उनके आँगन में ढेर खुशिया लाएगी ,
पर मैं तो रह गयी एक मदमस्त चिड़िया ,
जो उनके आँगन को चेह्का कर, दुसरे देस उड़ जाएगी!

जिनसे मेरा अस्तित्व बना हैं, उन्हें ये संदेसा लिख रही हूँ,
मुझे याद कर उदास न होना, मैं किसी और का जहां रोशन करने जा रही हूँ !
अपने साथ ले जा रही हु , आपकी दी हुई परवरिश ,
हमेशा खुद से भी पहले पूरी करुँगी उनकी हर ख्वाहिश !
आपकी दी हुई सीख से , उनके आशियाँ को बनाउंगी मनोहर,
और फिर गर्व से कहूँगी, मुझमे हैं आपकी संजोयी धरोहर !

उस दुसरे घर को भी हर तरह से अपना बनाउंगी,
पर ये वादा हैं आपसे, इस घर से कभी दूर न जाउंगी !
मांगूंगी भगवान से हमेशा ये एक मन्नत,
की हर जनम में लिखे वो मेरे नसीब , आपकी ये खुबसूरत जन्नत !

आँखें खोली थी इस संसार  में जब, पता न था की किस घर आई हूँ,
अब मालूम हुआ,
हँसते हुए कर रहे हैं जो अपनी सबसे अनमोल पूँजी का दान ,
ऐसे धनी के घर आई हूँ, ऐसे धनी के घर आई हूँ  !

Sunday, September 29, 2013

मैंने देखा है...



मुझे घनी छाव अदा करने को , खुद कड़ी धूप में चलते उन्हें मैंने देखा है । 
मुझे शीत हवा से बचाने को, ठंड में ठिठुरता उन्हें मैंने देखा है ।

मुझे पढाने को, रातों में जगता उन्हे मैनें देखा है । 
मुझे आईसकृीम खिलाने को, दो रोटी कम खाता उन्हें मैंने देखा है । 

मेरी गलतीयों पर मुझे डांट कर, खुद उदास होता, उन्हें मैंने देखा है । 
मेरी चोट पर दवा लगाते , सिसकता उन्हें मैंने देखा हैं । 

मुझे मेरी कमिया बता कर, दूसरो से मेरी पृशंसा करते उन्हें मैंने देखा हैं। 
खुद की ज़रूरते काट कर, मुझे रईसी कराते, उन्हें मैंने देखा हैं ।

खुद का मन मारकर, मेरी ज़िद पूरी करते उन्हें मैंने देखा हैं । 
मुझे बड़ा करते करते उन्हें बूढ़ा होते, मैंने देखा हैं 

लोग कहते हैं, भगवान केवल मन में दिखते हैं । 
मगर , धरती पर भगवान मैंने देखा हैं । 




Thursday, August 8, 2013

Expressions

Did you just miss out to compliment your mom on her new hairdo?? Or did you just miss out to tell your dad , that the grey tie suits him ? 
I am sure you  even have missed to tell your love that how soothing he looks with every sunrise ... ?

Why do we always miss on life's minute joys , in the run of searching the giant ones ? 
Sometimes while struggling through the dark clouds to catch a gaze at the moon, we overlook the twinkling stars ,And remain deprived of soothe in that moment ! 

If The little things in your people ,which make you happy , get appreciated ; it can turn out to be another reason of a smile on them !
What can be a better gratitute of thanks to them , for adding on a moment of happiness in your life ? 

I am sure , the efforts spared by your parents in raising you, are always gratified in your heart.. 
But let that heart talk it out some random evening and give them a moment of peace in this run ... 

I am sure, each day when you wake up ,you wish to start your day by catching a glimpse of that pretty face besides you . Wake her up to tell this , And she might blossom like never before !

Go ahead and tell your child, how proud he makes you feel for no reason. 
Go ahead and tell your siblings, their sacrifice on the toys you liked, just to let you play with it , are missed now ; When you see everyone ready to snatch what you admire ! 
Tell them when you see people always trying to push you down in the office, you remember the days when they used to brag about your exam score in a family get together! 

Dont hide these expressions , just go ahead and spread the priceless moments !!! 
Unsaid words of love are like mornings without the calmness of the dawn !!
Keep calm and express :)